Friday, October 17, 2014



बिना बीजोपचार के बोनी न करे किसान-डाॅ.राजेश द्विवेदी

           कृषि महोत्सव कार्यक्रम के दौरान कृषि क्रान्ति रथ ने हटा विकासखण्ड के ग्राम सिलापरी, डोली और काईखेड़ा का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान सिलापरी में कृषक संगोष्ठी का आयांेजन किया गया, जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ. राजेश द्विवेदी ने बीजोपचार के महत्व को बतलाते हुये उन्होने कहा कि चना,मसूर में लगने वाली उकसा (बिल्ट) जो कि फफूॅद जनक रोग है, इसके नियंत्रण के लिये किसान भाई थायरम $ कार्बेन्डाजिम से बीजोपचार करने की सलाह दी गई। इसके अलावा जैविक नियंत्रण में ट्राईकोडरमा बिरीडी के द्वारा बीजोपचार करने से भी इस रोग का नियंत्रण होता है। दलहनी फसलों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण के लिये राईजोबियम कल्चर से बीजोपचार करने पर फसलों मे नाइट्रोजन की उपलब्धता को बढ़ाता है। इसी प्रकार गेहूॅ में कण्डवा रोग के नियंत्रण के लिये बीटाबैक्स से बीजोपचार करने से कण्डवा रोग का प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है। दीमक एवं अन्य कीटों के नियंत्रण के लिये भी क्लोरोपायरीफाॅस से बीजोपाचार करने पर दीमक का प्रकोप नहीं होता है। इसी प्रकार सभी फसलों का बीजोपचार करने से फफूॅद जनक रोग से नियंत्रण पाया जा सकता है। इस वर्ष पानी की कमी को देखते हुये कृषकों को सिचाई बहाव विधि से न करतें हुये स्प्रिंकलर आदि से करने की सलाह दी गई। इसी प्रकार अन्य दो ग्रामों में कृषक संगोष्ठी का आयोजन कर उन्नत कृषि की तकनीकी जानकारी देकर आदान सामग्री का वितरण किया गया।



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