Thursday, June 18, 2015



जिला स्तरीय कृषि विज्ञान मेला तथा प्रदर्शनी कार्यक्रम
के दूसरे दिन हुआ किसान संगोष्ठी का आयोजन 

आज दिनांक 18/06/2015 को तीन दिवसीय जिला स्तरीय कृषि विज्ञान मेला तथा प्रदर्शनी के दूसरे दिन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संयुक्त संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास सागर संभाग सागर श्री डी.एल. कोरी का स्वागत उपसंचालक कृषि श्री बी. एल कुरील के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के शुरूआत मे गुनौर जिला पन्ना से आई गायिका शांति पटेल एवं परसोरियाकला मंडल के द्वारा सांस्कृतिक एवं कृषि से संबधित कार्यक्रम प्रस्तुत कर कृषको का मनोरंजन किया गया। कृषि तकनीकी सत्र में कृषि विशेषज्ञ डाॅ यू.एस धाकड़ द्वारा आगामी खरीफ सीजन की तैयारी हेत बीज एवं उर्वरक की व्यवस्था अभी से करने की सलाह दी गई एवं बीजोपचार, खरपतवार नाशी दबाई किस प्रकार प्रयोग करें के बारे मे विस्तार पूर्वक जानकारी दी। इस बार कृषकांे से मानसून की अनिश्चितता/कम वर्षा की स्थिति को देखकर कम समय मे पकने वाली फसलों के बारे में जानकारी दी गई। कृषि विशेषज्ञ डाॅ राजेश दुबे द्वारा मिट्टी परीक्षण करा कर संतुलित मात्रा मे उर्वरको का उपयोग के बारे मे विस्तार से जानकारी देते हुये रासायनिक खाद के स्थान पर कृषक घर मे ही स्वंय का जैविक खाद तैयार कर उपयोग करने का आहवान किया, जैॅविक खादांे मे जैसे बर्मी कम्पोस्ट, नाडेप टाका, सींग खाद, हरी खाद आदि के बनाने की विधियांे के बारे मे जानकारी दी। अगले सत्र में कृषि वैज्ञानिक डाॅ. ओम नारायन सिंह द्वारा कृषकों को आगामी सीजन में बोई जाने वाली फसलों हेतु जैव उर्वरक जैस-ट्राइकोडरमा, पी.एस.बी. कल्चर, राजोबियम कल्चर, बाबेरिया बेसियाना आदि कल्चरों का उपयोग कर रासायनिक दबाईयों का कम से कम उपयोग करने की सलाह दी गई।कृषकों के कृषि से संबधित ज्ञान बढ़ाने हेतु कृषि प्रश्न प्रतियोगिता का आयोजन किया गय जिसमें कृषि से संबधित प्रश्न पूछे जाते है, सही उत्तर देने वाले कृषकों को ईनाम स्वरूप उपहार दिये जाते है। इस कार्यक्रम का संचालन श्री आर.एस.पाठक एवं श्री डी.पी. पटैल द्वारा किया गया।  आज कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सयंुक्त संचालक कृषि श्री डी.एल. कोरी द्वारा कृषकों से आगामी खरीफ सीजन में अधिक से अधिक रकवें में बुवाई करने की सलाह दी गई । बुावाई हेतु पर्याप्त मात्रा में खाद बीज उपलब्ध है, इस वर्ष खाद बीज की कोई कमी नहीं है। उपसंचालक कृषि श्री बी.एल कुरील द्वारा बर्मी कम्पोस्ट, नाडेप टाका, आदि पर अनुदान प्रावधान के बारे मे जानकारी देेते हुये विभाग की विभिन्न योजनाआंे की जानकारी दी। विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनी लगाकर अपने अपने विभागो की योजनाओ का प्रचार प्रसार कर साहित्य का वितरण किया गया। इसके अलावा कृषि आदान विक्रेताओं द्वारा अपने-अपने स्टाल लगाकर अपने उत्पादों का प्रचार प्रसार किया गया।



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